Showing posts with label Mubarak Shameem. Show all posts
Showing posts with label Mubarak Shameem. Show all posts
Sunday, October 10, 2010
मुबारक शमीम की शायरी
मुबारक शमीम की लिखी किताबों में उनके चार कविता संकलन और एक शाहजहांपुर के उर्दु फारसी शायरों का इतिहास है. यह किताब सुखनवराने शाहजहांपुर के नाम से विख्यात हुई.कविता संकलन की किताबों के नाम - नक्शे नवा, आबो हवा, सवादे जां, पतझड के फूल हैं. लतीफ रशीदी के साथ हिन्दी में गैर मुस्लिम शोअराए शाहजहांपुर के नाम से किताब लिखी. इस किताब में शाहजहांपुर के संछिप्त इतिहास के साथ गैर मुस्लिम शायरों का कलाम और जीवन परिचय दिया गया है.
मुबारक शमीम का जन्म 1924 में हुआ था.26 सितम्बर 2007 ई. को वह इस संसार से रुख्सत हुए. उन्हों ने अपना सारा जीवन साहित्य की सेवा और खोज में गुज़ारा.सुखनवराने शाहजहांपुर के रूप में शाहजहांपुर का लगभग 350 वर्ष का इतिहास लिखना उन्हीं का कारनामा है. इसके लिये उन्हें एक अच्छे इतिहासकार के रूप में भी जाना जायेगा.
ग़ज़ल
सोज़े एह्सास सिवा चाहते हैं
सिर्फ इतनी सी दुआ चाहते हैं
ज़िन्दगी बख्श फ़िज़ा चाहते हैं
कोई मौसम हो हवा चाहते हैं
रास्तों को भी मुसाफिर समझो
ये भी एक राहनुमा चाहते हैं
देख लें तू कोई पत्थर तो नहीं
एक ज़रा तुझको छुआ चाहते हैं
मशअलें लेके बहुत भटके हम
अब अंधेरों में रहा चाहते हैं
गुमरही उनसे कहें क्या जो लोग
हमसे मंज़िल का पता चाहते हैं
आज के दौर में लोगों से शमीम
हम से नादान वफा चाहते हैं
Subscribe to:
Posts (Atom)