लू से झुलसे चेहरे ये पतझड़ के मौसम
गर्मी की लपट और अंधड़ के मौसम
सुकून, शांति, इत्मिनान अब कहाँ
दुनिया में फैल गए धडपड के मौसम
कभी तूफान, ओले, धूल भरी आंधियां
रोज़ रंग बदलते हैं गड़बड़ के मौसम
पेड़ झूमे, पानी बरसा बादल छाये
झूमते गाते आते हैं बढ़चढ़ के मौसम
क्यों खामोश पड़े हो बंद कमरे में
बहार निकल कर देखो खड़बड़ के मौसम
गर्मी की लपट और अंधड़ के मौसम
सुकून, शांति, इत्मिनान अब कहाँ
दुनिया में फैल गए धडपड के मौसम
कभी तूफान, ओले, धूल भरी आंधियां
रोज़ रंग बदलते हैं गड़बड़ के मौसम
पेड़ झूमे, पानी बरसा बादल छाये
झूमते गाते आते हैं बढ़चढ़ के मौसम
क्यों खामोश पड़े हो बंद कमरे में
बहार निकल कर देखो खड़बड़ के मौसम
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